रायसेन, कटनी व शहडोल सहित 4 जिला मुख्यालय विधानसभा सीट के नाम से महरूम!
भोपाल। मप्र के 55 जिला मुख्यालयों में से 4 शहर ऐसे भी हैं जिनके नाम पर विधानसभा सीट ही नहीं हैं। इन शहरों की यह विशेषता कहें या फिर विसंगति लेकिन हकीकत यही है कि विधानसभा में उनकी पहचान समीपस्थ गांव की विधानसभा सीट के नाम से होती है। रायसेन, कटनी, शहडोल और उमरिया डिस्ट्रिक्ट हेडक्वार्टर के बावजूद दूसरी विस क्षेत्र के अंतर्गत आते हैं। विधानसभा की 230 सीटों में ये शहर अपनी पहचान से वंचित हैं। अभी सांची सीट के अंतर्गत रायसेन, मुड़वारा (कटनी), जयसिंहनगर (शहडोल) और बांधवगढ़ से उमरिया की पहचान होती है। प्रदेश में 16 वीं विधानसभा गठन के लिए मतदान हो चुका है, 3 दिसंबर को मतगणना के बाद नई विधानसभा अस्तित्व में आ जाएगी। इन शहरों के नाम पर ही विस क्षेत्र के नामकरण के लिए अभी और इंतजार करना होगा।
इन शहरों से भाजपा-कांग्रेस के नेताओं सहित समाजसेवियों ने मांग उठाई लेकिन अब तक नामकरण नहीं हो पाया। इन चारों शहरों के नागरिकों और नेताओं को अब विस क्षेत्रों के अगले परिसीमन का इंतजार है। हालांकि इस मुद्दे पर शेक्सपीयर का मशहूर जुमला ''नाम में क्या रखा है.? '' का कई लोग जिक्र भी करते हैं लेकिन लोगों को वर्षों से यह मलाल है कि विधानसभा क्षेत्र के रूप में उनकी पहचान आस-पड़ोस के गांव से हो रही है। पूर्व में शहडोल जिले की सोहागपुर विस क्षेत्र के तहत आता था लेकिन 2006 में परिसीमन मेंं सोहागपुर सीट विलोपित हो गई। अब जयसिंहनगर में शहडोल को शामिल कर दिया गया।
खजुराहो विधानसभा ही नहीं
खजुराहो संसदीय क्षेत्र में कटनी, पन्ना और छतरपुर जिले की विधानसभाएं आती हैं लेकिन स्वयं खजुराहो के नाम पर कोई विधानसभा सीट नहीं है। खजुराहो क्षेत्र में राजनगर विस सीट के अंतर्गत आता है। उधर विदिशा लोकसभा सीट के लिए जिला निर्वाचन अधिकारी का दायित्व रायसेन कलेक्टर निभाते हैं। 2018 में भाजपा के टिकट पर सांची से विधानसभा चुनाव लड़ चुके पार्टी के नेता मुदित शेजवार कहते हैं कि यह सही है कि रायसेन के नाम से सीट नहीं है। लेकिन सांची की पहचान अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर है। इसलिए कोई मलाल भी नहीं। शहडोल और उमरिया की भी यही स्थिति है।
अंतर्राष्ट्रीय है सांची की पहचान
हां, यह सही है लेकिन हमने इस बारे में कभी सोचा नहीं है। सांची, रायसेन की उप तहसील और ब्लॉक मुख्यालय है। सांची की अंतर्राष्ट्रीय पहचान देखते हुए हमारी विधानसभा की पहचान दुनिया भर में है। - डॉ प्रभुराम चौधरी, मंत्री स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मप्र.
परिसीमन की करेंगे मांग
शहडोल शहर के नाम पर विधानसभा सीट का नाम करने के संदर्भ में हम लोग कई बार ज्ञापन सौंप चुके हैं। राज्य व केंद्र सरकार से भी निवेदन किया गया। अब आगामी परिसीमन के दौरान इस बारे में फिर से मांग उठाएंगे। - कैलाश तिवारी समाजसेवी