36 घंटे का पॉलिटिकल ड्रामा, लेकिन पिक्चर अभी बाकी है...

नकुलनाथ जा सकते हैं भाजपा में, कमलनाथ पर संशय बरकरार

36 घंटे का पॉलिटिकल ड्रामा, लेकिन पिक्चर अभी बाकी है...

भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष रहे कमलनाथ के भाजपा में एंट्री को लेकर तस्वीर अभी भी धुंधली है। कांग्रेस नेताओं की कभी हां-कभी न के बीच कमल नाथ भाजपा में जाने से साफ-साफ इनकार नहीं कर रहे हैं। उन्होंने दिल्ली में रविवार को कहा, ‘मेरी किसी बात नहीं हुई। मैं तो तेरहवीं में जा रहा हूं।’ उधर उनके प्रबल समर्थक सज्जन सिंह वर्मा रविवार को दिल्ली पहुंच गए। उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ‘जय श्री राम’ का पोस्टर लगा दिया था, पर शाम ढलने तक उनके सुर बदल गए। जबकि छिंदवाड़ा में पूर्व मंत्री दीपक सक्सेना ने कहा कि कमलनाथ की उपेक्षा हो रही है। अंदरखाने की खबर है कि कांगे्रस के बड़े नेताओं ने कमलनाथ को मना लिया है। हालांकि बातचीत का नतीजा सामने नहीं आ पाया है। भाजपा और कमलनाथ कुछ भी नहीं बता रहे हैं। शनिवार से बड़ी संख्या में कमलनाथ समर्थकों के दिल्ली पहुंचने की जो बातें थीं, वह भी होती नहीं दिख रही हैं। सज्जन सिंह वर्मा और कुछ नेता ही दिल्ली पहुंचे हैं। वहीं नकुलनाथ के भाजपा में जाने की संभावना बनी हुई है।

भाजपा में नहीं बनी सहमति

  1. कमलनाथ की एंट्री पर भाजपा के शीर्ष नेताओं में नहीं बन पाई सहमति।
  2. पूर्व मंत्री और समर्थक दीपक सक्सेना ने कहा, लगातार हो रही थी कमलनाथ की उपेक्षा

सज्जन सिंह वर्मा के बयान से समझिए बदली हुई तस्वीर...

  1. कमलनाथजी ने क्या निर्णय लिया है? वर्मा: अभी मेरी चर्चा हुई है। कमलनाथजी चार्ट लेकर बैठे हैं, लोस चुनाव की टिकटें कैसे बंटेंगे। जातीय समीकरण क्या होंगे। उन्होंने कहा कि मेरा ध्यान अभी इस तरफ है कि मप्र में 29 सीटों पर किन लोगों को टिकट देने से कांग्रेस मजबूत होगी। जब मैंने उनसे कहा कि मीडिया वाले कह रहे हैं कि आपने इनकार भी नहीं किया तो नाथ बोले, यह मीडिया वालों का ही बनाया हुआ प्रश्न है। वे ही जवाब दें।
  2. ये मानकर चलें कि कमलनाथ अब भाजपा जॉइन नहीं करेंगे? वर्मा : जिस व्यक्ति के संदर्भ में बात उठती है, जब तक वह व्यक्ति अपने मुंह से कोई शब्द नहीं कहे, तब तक कोई भी कैसे मान सकता है। मीडिया हो या आम जनता हो।
  3. आपको तो कह दिया न...? वर्मा : नहीं-नहीं मुझसे कोई बात नहीं हुई, अभी जब बात की मैंने कि मीडिया से सवाल उठा रहा है... तो नाथ ने कहा, एक भी मीडिया वाला मेरे सामने ले आओ, जिसको मैंने कहा हो। मीडिया वाले खुद ही सवाल उठा रहे हैं और खुद ही जवाब दे रहे हैं। इस तरह के निर्णय सामूहिक निर्णय होते हैं। लम्बे समय से नेहरू-गांधी परिवार से मेरे राजनीतिक रिश्ते नहीं, पारिवारिक रिश्ते हैं। ये तो बनाया हुआ प्रश्न है।
  4. राहुल गांधी को लेकर... वर्मा: देखिए न्याय यात्रा मप्र में आने वाली है। दो जगह सभाएं हैं। दतिया और ग्वालियर में। सभाओं को लेकर चर्चा हुई थी।
  5. लेकिन जहां आग होती है, वहीं धुआं उठता है। वर्मा : यह पुरानी कहावत हो गई कि धुआं वहीं उठता है , जहां आग होती है। आजकल इलेक्ट्रॉनिक युग हो गया है।

नाथ अंतिम सांस तक कांग्रेस के विचार के साथ

अभी मेरी कमलनाथजी से बात हुई है, उन्होंने कहा कि जीतू मीडिया में जो ये बातें आ रही हैं, ये भ्रम है। मैं कांग्रेसी था, हूं और रहूंगा। लोकतंत्र में हार- जीत होती रहती है। हर परिस्थिति में उन्होंने दृढ़ता से कांग्रेस के विचार के साथ अपना जीवन जीया है और आगे भी कांग्रेस के विचार के साथ अंतिम सांस तक जीवन जीएंगे। ये उनकी खुद की भावना है, जो उन्होंने मुझसे कही। -जीतू पटवारी, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष, मप्र

कमलनाथ का चरित्र दबाव में आने वाला नहीं

मेरी कमलनाथ से चर्चा हुई है, नेतृत्व की भी उनसे चर्चा हो रही है। कमलनाथ जैसा व्यक्ति, जिन्होंने शुरुआत कांग्रेस से की, जिन्हें हम इंदिरा गांधी का तीसरा सुपुत्र मानते थे। उन्होंने हमेशा कांग्रेस का साथ दिया है। वे कांग्रेस के एक स्तंभ रहे हैं। पार्टी में उन्हें कौन सा पद नहीं मिला। केंद्र में मंत्री बने, आईसीसी में महामंत्री, प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष, मुख्यमंत्री सभी पद मिले हैं। मुझे नहीं लगता है कि वह पार्टी छोड़ेंगे। ईडी, आईटी, सीबीआई का दबाव सभी पर है, कमलनाथ पर भी है। लेकिन उनका चरित्र दबाव में आने वाला नहीं रहा है। 15 दिन से आप लोग सिर्फ यही खबर चला रहे हैं। खंडन की बात है तो उन्होंने भाजपा जॉइन नहीं की है, इससे बड़ी बात क्या है।’ दिग्विजय सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री मप्र

राहुल गांधी से फोन पर हुई बात

वहीं राजनीतिक अटकलों के बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी की कमल नाथ से फोन पर बातचीत हुई। इसकी पुष्टि कमल नाथ के करीबी कांग्रेस नेता सज्जन सिंह वर्मा ने की। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी से कमल नाथ की फोन पर बात हुई है। उन्हीं बिंदुओं पर चर्चा करने आया हूं।

कमलनाथ 1984 के सिख विरोधी दंगों के आरोपी हैं। उनके खिलाफ कई गवाह हैं। सिखों के हत्यारे और गुरु तेग बहादुर जी के गुरुद्वारे रकाबगंज साहिब को जलाने वाले कमलनाथ के लिए भाजपा के दरवाजे न खुले थे, न खुले हैं। प्रधानमंत्री मोदी के होते हुए कभी ऐसा संभव नहीं हो पाएगा, ऐसा मैं आप सबको भरोसा दिलाता हूं। तेजिंदर बग्गा, बीजेपी नेता