चार में 3 भारतीय सोचते हैं टेकनोलॉजी छीन लेगी नौकरी

चार में 3 भारतीय सोचते हैं टेकनोलॉजी छीन लेगी नौकरी

नई दिल्ली। एमेरिटस ग्लोबल वर्कप्लेस स्किल्स स्टडी 2023 के अनुसार, तकनीकी व्यवधानों के कारण भारतीयों में कौशल बढ़ाने की इच्छा बढ़ रही है, 4 में से 3 कामकाजी पेशेवरों का मानना है कि अगर वे अपने कौशल सेट को विकसित करना जारी नहीं रखते हैं तो प्रौद्योगिकी उनकी नौकरियों की जगह ले लेगी। रिपोर्ट के अनुसार दुनिया भर में कम से कम 40 प्रतिशत कर्मचारियों को आने वाले वर्षों में नए कौशल की आवश्यकता होगी और उनसे अपनी कंपनियों के भीतर अलग भूमिका निभाने की उम्मीद की जाएगी। इससे पहले मैकिन्से द्वारा किए गए सर्वे के अनुसार लगभग 92 प्रतिशत भारतीय इस बात से सहमत थे कि उन्हें रोजगार के संबंध में कौशल अंतर का सामना करना पड़ता है। इसबीच एमेरिटस ग्लोबल वर्कप्लेस स्किल्स स्टडी में पाया गया कि वित्त और बीमा, सॉμटवेयर और आईटी सेवाओं, हेल्थकेयर और विनिर्माण सहित अन्य उद्योगों के पेशेवर अपनी नौकरियों की जगह प्रौद्योगिकी के बारे में सबसे अधिक चिंतित हैं।

भारत समेत 18 देशों के 6,600 पेशेवरों पर किया गया शोध

ग्लोबल वर्कप्लेस स्किल्स स्टडी 2023 का तीसरा संस्करण एमेरिटस द्वारा भारत, अमेरिका, चीन, यूके, ब्राजील, मैक्सिको और यूएई सहित 18 देशों में 21 से 65 वर्ष की आयु के 6,600 पेशेवरों के व्यापक सर्वेक्षण के माध्यम से आयोजित किया गया था, यह समझने के लिए कि कैसे वैश्विक कार्यबल अनिश्चित समय से निपटने के लिए आॅनलाइन शिक्षा का लाभ उठा रहा है। अध्ययन में भारत के 20 टियर-1 और 2 शहरों के 21 से 65 वर्ष की आयु के कुल 1,720 भारतीयों का सर्वेक्षण किया गया।

मार्केट में एआई पेशेवरों की सबसे अधिक मांग

एमेरिटस ग्लोबल वर्कप्लेस स्किल्स स्टडी के अनुसार, विभिन्न क्षेत्रों में काम करने वाले भारतीय कार्यबल के लिए डिजिटल मार्केटिंग, डेटा एनॉलिटिक्स, वित्त, प्रबंधन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) पेशेवरों के लिए सबसे अधिक मांग वाले विषयों में से थे। यह इन क्षेत्रों में देखी गई मांग और आपूर्ति के अंतर से स्पष्ट है। उदाहरण के लिए, आईटी उद्योग की शीर्ष संस्था नैसकॉम की हालिया रिपोर्ट में पाया गया कि भारत में कुशल एआई/एमएल प्रतिभा की मांग और आपूर्ति के बीच 51 प्रतिशत का अंतर है।

तकनीक:हर क्षेत्र के लोगों ने जताई चिंता

  •  80 प्रतिशत से अधिक सॉμटवेयर और आईटी सेवा पेशेवरों ने अपनी नौकरियों में प्रौद्योगिकी की जगह लेने के बारे में चिंता व्यक्त की, जब तक कि वे अपने कौशल को उन्नत करना जारी नहीं रखते। 
  • 81 प्रतिशत हेल्थ सेक्टर से जुड़े लोगों की थी चिंता। 
  • 79 प्रतिशत प्रौद्योगिकी और नवाचार में काम करने वालों की चिंता थी। 
  • 78 प्रतिशत व्यावसायिक सेवाओं/परामर्श से जुड़े लोगों ने भी इसी तरह की चिंता जताई। 
  • 72 प्रतिशत वित्त और बीमा से जुड़े लोगों के लिए भी चिंता का विषय यही था।