दस्तक अभियान में मिले 27 गंभीर कुपोषित बच्चे
इंदौर। महिला बाल विकास द्वारा कुपोषण को लेकर किए जा रहे दावे की पोल स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाई जा रहे दस्तक अभियान ने खोलकर रख दी है। विभाग की टीमें घर-घर जाकर बच्चों की विभिन्न बीमारियों की जांच करने, उनकी पहचान करने और उनका इलाज करने का अभियान चला रही हैं।
अभियान के दौरान स्वास्थ्य विभाग ने दस दिन में 11 प्रतिशत बच्चों का स्क्रीनिंग कर ली है। इस दौरान विभाग को 27 से अधिक बच्चों को गंभीर रूप में कुपोषण मिला है। साथ ही विभाग को आठ बच्चे ऐसे मिले हैं, जो अन्य बीमारी से पीड़ित पाए गए हैं। एनीमिया के 27 बच्चे मिले हैं। इन आंकड़ों ने स्वास्थ्य विभाग की चिंताएं बढ़ा दी हैं। साथ ही कुपोषण के मामलों को खत्म करने के लिए अभियान चलाने के महिला एवं बाल विकास अधिकारियों के बड़े-बड़े दावों की पोल खुलती नजर आ रही है।
विभाग द्वारा अभियान के तहत हालांकि लक्षित बच्चों में से केवल 11 प्रतिशत की ही जांच की गई थी। विभाग ने शहर के पांच साल से कम उम्र के 3.85 लाख से अधिक बच्चों की स्क्रीनिंग के लिए दस्तक अभियान शुरू किया था। पिछले 10 दिनों में हमारी टीमों ने शहर के विभिन्न हिस्सों में 43,000 से अधिक बच्चों की जांच की है, जिनमें से 71 बच्चे एसएएम के तहत पाए गए, जबकि 27 गंभीर रूप से एनीमिया से पीड़ित थे।
जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. तरुण गुप्ता ने बताया- गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती कराया गया है। 400 से अधिक टीमें जिलेभर में घर-घर जाकर अभियान चला रही हैं। टीम के सदस्यों में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, आशा, पैरामेडिकल स्टाफ और अन्य शामिल हैं। यह अभियान 31 अगस्त तक चलेगा।