विमान यात्रियों के बैग में लाइटर-पॉवर बैंक समेत रोज मिलती हैं 25 हजार प्रतिबंधित वस्तुएं
बीसीएएस का दावा- एयरपोर्ट पर जांच में रोजाना बर्बाद हो जाते हैं 1,250 घंट
नई दिल्ली। हवाई यात्रा के दौरान घरेलू प्रयोग की कई वस्तुओं को ले जाना प्रतिबंधित होता है। इस बारे में जानकारी की कमी के कारण रोजाना हजारों यात्री ऐसी वस्तुओं के साथ हवाई अड्डे पर पहुंचते हैं। हवाई अड्डों पर सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालने वाले नागर विमानन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस) के प्रमुख जुल्फिकार हसन ने सोमवार को बताया कि रोजाना लाइटर, पॉवरबैंक समेत करीब 25 हजार ऐसी वस्तुएं यात्रियों के बैग में मिलती हैं। ऐसी एक वस्तु की जांच में तीन मिनट का औसत समय लगता है। इस हिसाब से सुरक्षा जांच में लगे कर्मियों का रोजाना 75 हजार मिनट यानी 1,250 घंटे का समय बर्बाद हो जाता है। यदि लोग ऐसी वस्तुएं न लाएं तो इस समय का प्रयोग अन्य आवश्यक सुरक्षा कार्यों में किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि उड्डयन क्षेत्र में देश के विकास के लिए सुरक्षा बहुत महत्वपूर्ण है। हवाई अड्डों पर रोजाना करीब आठ लाख हैंड बैग और पांच लाख चेकइ न बैग जांचे जाते हैं।
विमानन सुरक्षा संस्कृति सप्ताह :
31 जुलाई से 5 अगस्त तक मनाए जा रहे विमानन सुरक्षा संस्कृति सप्ताह की शुरुआत के मौके पर हसन ने कहा कि यह हमारी विफलता है कि हम यात्रियों को बता नहीं पा रहे हैं कि कौन सी वस्तुएं प्रतिबंधित हैं। किसी भी अन्य देश की तुलना में भारत में पहली बार हवाई सफर करने वाले यात्रियों की संख्या बहुत ज्यादा होती है। उनकी जागरूकता के लिए उपयुक्त शिक्षा नीति होनी चाहिए।
विमानों में अभद्र व्यवहार करने वालों पर हो कार्रवाई
बीसीएएस के प्रमुख जुल्फिकार हसन ने कहा कि किसी भी अभद्र व्यवहार करने वाले यात्री को देश के कानून का सामना करना चाहिए और ऐसे किसी भी यात्री को दंडित किए बिना नहीं छोड़ा जाना चाहिए। हाल के दिनों में उड़ानों में यात्रियों के साथ दुर्व्यवहार की घटनाएं सामने आई हैं। इसे देखते हुए हसन ने कहा कि उपद्रवी यात्री एक गंभीर मुद्दा है और उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जानी चाहिए।
लगेगा फुल बॉडी स्कैनर, निजता पर खतरा नहीं
बीसीएएस प्रमुख जुल्फिकार हसन ने बताया कि हवाई अड्डों पर फुल बॉडी स्कैनर लगाने की प्रक्रिया पर भी काम चल रहा है। दिल्ली, मुंबई जैसे कुछ बड़े हवाई अड्डों से सालभर के भीतर चरणबद्ध तरीके से इसकी शुरुआत की जाएगी। उन्होंने कहा कि इससे किसी भी तरह से निजता पर खतरा नहीं होगा। वैश्विक स्तर पर ऐसी शिकायतों को दूर किया जा चुका है। किसी चिकित्सकीय कारण से ऐसे स्कैनर का प्रयोग नहीं कर सकने वाले यात्रियों को अलग विकल्प दिया जाएगा।
हर दिन 9 लाख हैंड बैगों की होती है स्क्रीनिंग
131 भारतीय एयरपोर्ट्स से रोजाना औसतन करीब 10 लाख यात्री गुजरते हैं। सुरक्षा जांच बिंदुओं पर लगभग 11,000 स्क्रीनर्स तैनात हैं, जो 600 बैगेज एक्स रे मशीनों और 1,000 डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टरों के माध्यम से प्रतिदिन लगभग 5 लाख प्रस्थान करने वाले यात्रियों और 9 लाख हैंड बैगों की स्क्रीनिंग करते हैं।
कमर्शियल विज्ञापन की बजाय दिखाएं सुरक्षा से जुड़ी सूचनाएं
एयरपोर्ट का संचालन करने वाली कंपनियों को सुनिश्चित करना चाहिए कि सिक्योरिटी चेकप्वाइंट पर लगी स्क्रीन पर कमर्शियल विज्ञापन दिखाने के बजाय सुरक्षा से जुड़ी सूचनाएं प्रदर्शित की जाएं। इससे यात्रियों में जागरूकता बढ़ेगी। - जुल्फिकार हसन, प्रमुख, नागर विमानन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस)
प्रतिबंधित वस्तुओं में पॉवर बैंक टॉप पर
- हैंड बैग से प्रतिबंधित वस्तुएं में लाइटर (26%), कैंची (22%), चाकू (16%) और तरल पदार्थ (14%) जब्त की जाती है।
- चेक-इन बैग से पॉवर बैंक (44%), लाइटर (19%), ढीली बैटरी (18%) और लैपटॉप (11%) शामिल है।