निगम सर्वे में मिलीं 223 अवैध कॉलोनियां, दो माह पहले आए आदेश पर प्रोसेस का इंतजार

निगम सर्वे में मिलीं 223 अवैध कॉलोनियां, दो माह पहले आए आदेश पर प्रोसेस का इंतजार

ग्वालियर। दो माह पहले प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2022 तक बनी अवैध कॉलोनियों को वैध करने के निर्देश दिए गए हों, लेकिन चुनाव आचार संहिता की रुकावट के चलते निगम दूसरे चरण के सर्वे में चिन्हित 223 अवैध कॉलोनियों को वैध करने की प्रोसेस शुरू होने का इंतजार किया जा रहा है। हालांकि चुनावी पाबंदियां खत्म होते ही निगमायुक्त हर्ष सिंह ने मौखिक रूप से अधिकारियों को कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा वर्ष 2017 में प्रदेश भर में वर्ष 2016 से पहले अस्तिव में आई अवैध कॉलोनियों को वैध करने की घोषणा की गई थी, जिसके चलते नगर निगम व जिला प्रशासन की संयुक्त टीम द्वारा ग्वालियर में बनी 696 अवैध कॉलोनियों की सूची तैयार की गई थी, जिसमें से 429 कॉलोनियां वैध होने के नियमों में सही पाई गईं। इसके बाद बाकी बची 267 कॉलोनियों को सरकारी जमीन व ग्रीन बेल्ट पर होने के चलते वैध करने की परिधि से बाहर कर दिया गया। इसके बाद नगर निगम द्वारा अवैध कॉलोनियों में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए निर्माण कार्य भी शुरू कराए गए थे, लेकिन इसके बाद मामला उच्च न्यायालय में चला गया और सभी काम रोक दिए गए। लेकिन एक बार फिर शुरू हुई प्रक्रिया के चलते 311 अवैध कॉलोनियां वैध कर दी गई हैं।

20 दिन की प्रोसेस के बाद होगी नियमित

शासन द्वारा अवैध कॉलोनियों को वैध करने के लिए 120 दिन की प्रोसेस निर्धारित की गई है। जिसमें 15 दिन अवैध कॉलोनियों का प्रारंभिक प्रकाशन, 30 दिन में लेआउट तैयार करने टेंडर बुलाने, 60 दिन में आर्किटेक्ट व भवन निरीक्षक द्वारा लेआउट तैयार करने व आखिरी 15 दिन में विकास शुल्क का प्रकाशन करने की प्रक्रिया निर्धारित है।

2017 से होना है कॉलोनियां वैध

शासन द्वारा जारी राजपत्र में 31 दिसंबर 2022 तक स्थापित अवैध कॉलोनियों को वैध करने के लिए चिह्नित करने के निर्देश दिए हैं। जिसमें एलआईजी व ईडब्ल्यूएस रहवासियों पर कोई विकास शुल्क न लेने व शेष भाग से 50 प्रतिशत व 50 प्रतिशत नगरीय निकाय द्वारा विकास शुल्क वहन करना बताया है।