2 हजार युवाओं ने खाई देश के लिए मर-मिटने की कसम
जबलपुर। भारतीय सेना को अग्निवीर के रूप में 2 हजार 28 नए सैनिक मिले। एडवांस ट्रेनिंग पूरी होने के बाद जबलपुर मिलिट्री स्टेशन से शनिवार को पहला बैच पासआउट हुआ। अब इन अग्निवीरों की तैनाती देश की सीमाओं पर हो सकेगी। यह सभी युवा 31 माह के कठिन प्रशिक्षण से गुजरे हैं। उन्हें बुनियादी सैन्य प्रशिक्षण के साथ आधुनिक युद्ध कौशल में पारंगत किया गया।
इन अग्निवीरों ने कई दौर के प्रशिक्षण के उपरांत एडवांस कोर्स में भाग लिया। उनमें उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले युवाओं को पासआउट परेड में शामिल होने का अवसर मिला। इस बैच में भारतीय सेना के जम्मू और कश्मीर राइफल्स रेजिमेंटल सेंटर, वन सिग्नल ट्रेनिंग सेंटर और ग्रेनेडियर्स रेजिमेंटल सेंटर के विशिष्ट अग्निवीर शामिल हैं। प्रशिक्षण के दौरान उन्होंने शारीरिक फिटनेस, सामरिक रणनीति एवं कुशल दक्षता का प्रदर्शन करते हुए व्यापक एवं उच्च स्तरीय प्रशिक्षण प्राप्त किया।
अलग-अलग यूनिट में होंगे शामिल
सेना की अग्निपथ योजना के तहत प्रशिक्षण केंद्रों से पास आउट होने के बाद इन अग्निवीरों को मातृभूमि की रक्षा के लिए दुश्मन की चुनौतियों को स्वीकार करते हुए देश की उत्तरी, पूर्वी और पश्चिमी सीमाओ पर तैनात किया जाएगा। इस दौरान उन्हें रणक्षेत्र में दुश्मन को शिकस्त देने के तरीकों के साथ आधुनिक हथियारों का संचालन सिखाया गया।
मार्चपास्ट में गूंजे भारत माता के जयकारे
कठोर प्रशिक्षण के बाद अग्निवीरों ने पवित्र ग्रंथ गीता, कुरान, गुरु ग्रंथ साहिब और बाइबिल पर हाथ रखकर देश की संप्रभुता और अखंडता की शपथ ली। प्रशिक्षण के दौरान के उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले अग्निवीरों को कमांडेंट जम्मू और कश्मीर राइफल्स रेजिमेंटल सेंटर ब्रिगेडियर राजेश शर्मा, कमांडेंट ग्रेनेडियर्स रेजिमेंटल सेंटर ब्रिगेडियर ललित शर्मा और कमांडेंट वन सिग्नल ट्रेनिंग सेंटर ब्रिगेडियर राहुल मलिक ने 'गौरव पदक' से सम्मानित किया। कार्यक्रम अग्निवीर योद्धाओं के माता-पिता भी शामिल रहे।