ओपीडी में 15 से 20 % गर्भवती महिलाएं मानसिक रोग से पीड़ित

ओपीडी में 15 से 20 % गर्भवती महिलाएं मानसिक रोग से पीड़ित

जबलपुर। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ बैंगलुरु से आए डॉ. सुंदरनाथ ने कहा ओपीडी में आने वाले गर्भवती महिलाओं में से 15 से 20 प्रतिशत तक गर्भवतियां मानसिक रोग से पीड़ित सामने आ रही है। वर्तमान में यह समस्या मातृ मृत्यु दर बढ़ने के लिए भी एक बड़ा कारण है। डॉ. सुंदरनाथ ने यह बात पीपुल्स समाचार से खास चर्चा में कही। वे जबलपुर में चल रही राज्यस्तरीय कार्यशाला में शामिल होने आए है।

डॉक्टरों में भी जागरुकता कम : डॉ. शुभांगी

मुंबई से आई विशेषज्ञ डॉ. शुभांगी ने बताया गर्भवती महिलाओं के मेंटल हेल्थ को लेकर चिकित्सकों में जागरुकता कम है। इसके लिए जरूरी है कि समय पर चिकित्सक, स्टाफ नर्स, आशा और एएनएम जागरुक रहे। ओपीडी में आने वाली गर्भवती को चिकित्सक यदि लक्षणों के आधार पर चिहिन्त कर लेंगे तो काफी हद तक मातृ मृत्यु दर को कम किया जा सकेगा।

27 प्रतिशत गर्भवतियों की मौत का कारण पोस्टपार्टम हेमरेज और हाई बीपी : डॉ. प्रीति

जॉग्स लखनऊ की प्रेसीडेंट व सीनियर गायनोकोलॉजिस्ट डॉ. प्रीति कुमार ने बताया कि पेरीनेटल मेंटल हेल्थ पर आज तेजी से काम करने की जरूरत है। 27 प्रतिशत गर्भवतियों की मौत का कारण पोस्टपार्टम व हाई बीपी का अनकंट्रोल होना है। ओपीडी में आने वाली गर्भवती महिला मानसिक रोग का शिकार है या नहीं इसके लिए चिकित्सकों को इसके लिए जागरुक होना होगा। साथ ही अस्पतालों में काउंसलर होना चाहिए।