मुंबई-दिल्ली रूट के पमरे के हिस्से में बन रही 1086 किमी दीवार, 300 किमी तैयार
जबलपुर। दिल्ली-मुंबई ट्रैक को 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार देने और ट्रैक पर मानव व जानवरों का प्रवेश रोकने के लिए पश्चिम मध्य रेल जोन ने उक्त ट्रैक के 543 किमी लंबे हिस्से में दोनों तरफ फेंसिंग का काम शुरू कर दिया है। इस तरह इस दीवार की लंबाई 1086 किमी होगी। 4 अरब रुपए की लागत से बनने वाली फेंसिंग 3 तरह की होगी जिसमें पहला हिस्सा सॉलिड आरसीसी,दूसरे में आरसीसी प्लेट व तीसरे में गैप वाली आरसीसी क्रॉस प्लेट होंगी। कार्य पूर्णता का लक्ष्य 2024 रखा गया है। 2021 में प्रारंभ इस प्रोजेक्ट की वर्तमान प्रगति 300 किमी है।
इसके लिए भरतपुर में कॉस्टिंग यार्ड भी बनाया गया है। जिसमें आरसीसी प्लेट बनकर तैयार होना शुरू हो चुकी हैं। 1086 किमी लंबी फेंसिंग को 3 वर्गों में विभाजित किया गया है जिसमें अधिक रिहाइशी इलाके जैसे कोटा, सवाई माधोपुर व भरतपुर में रेनफोर्स्ड सीमेंट कांक्रीट की सॉलिड दीवार 140 किमी लंबाई में ट्रैक के दोनों तरफ बनाई जाएगी। दूसरे वर्ग में आरसीसी की पैनल प्लेट युक्त दीवार कम रिहाइशी क्षेत्र जैसे बयाना, दाड़देवी, शामनगर, रामगंज मंडी के ट्रैक में 80 किमी लंबाई में दोनों ओर बनाई जाएगी। तीसरी श्रेणी में कम रिहाइशी और जानवरों से ट्रैक पर प्रवेश न कर पाने के लिए गैप वाले पैनल की फेंसिंग 870 किमी लंबाई में दोनों तरफ मिलाकर तैयार होगी।
दिल्ली-मुंबई फास्ट ट्रैक का 543 किमी हिस्सा पमरे से गुजरता है,इसमे 160 किमी प्रति घंटा स्पीड से ट्रेन चलना हैं,ट्रैक पासिंग व केटल रन ओवर रोकने दोनों तरफ फेंसिंग करवाई जा रही है,जिसकी लंबाई 1086 किमी हो जाएगी। यह कार्य 2024 तक पूर्ण होना है। कार्य प्रारंभ कर दिया गया है और अब तक लगभग 300 किमी में दीवार तैयार हो चुकी है। राहुल श्रीवास्तव, सीपीआरओ, पमरे जोन, जबलपुर