सवा करोड़ लाड़ली बहनों को 1,000 की जगह मिल सकते हैं 2,000 रुपए

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 27 अगस्त को दे सकते हैं रक्षाबंधन का उपहार

सवा करोड़ लाड़ली बहनों को 1,000 की जगह मिल सकते हैं 2,000 रुपए

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 27 अगस्त को प्रदेश की सवा करोड़ से अधिक लाड़ली बहनों को 250 रुपए के स्थान पर सीधे 1,000 रुपए बढ़ाकर देने की घोषणा कर सकते हैं। सितंबर माह में बहनों के खातों में 2,000 रुपए ट्रांसफर होंगे। फिलहाल राशि तय करने के लिए वित्त विभाग में गहन मंथन चल रहा है। जल्द ही इस पर अंतिम निर्णय होने की उम्मीद है। सरकार की यह तैयारी कांग्रेस की घोषणा का जवाब मानी जा रही है। मुख्यमंत्री चौहान के लिए ‘मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना’ विधानसभा चुनाव के लिए मास्टर स्ट्रोक मानी जा रही है। पिछले तीन माह से बहनों को हर माह एक हजार रुपए दिए जा रहे हैं। सीएम ने यह राशि बढ़ाकर 3,000 रुपए तक ले जाने की घोषणा की थी। माना जा रहा था कि 3,000 रुपए तक राशि पांच साल में बढ़ेंगी, लेकिन कांग्रेस के मास्टर स्ट्रोक (1,500 रुपए) को फेल करने के लिए सरकार 27 अगस्त को सीधे एक हजार रुपए बढ़ाकर बहनों को 2,000 देने की घोषणा करने की तैयारी में है। सीएम की यह घोषणा सबको चौंका सकती है।

वित्त विभाग कर रहा परीक्षण :

सूत्रों के अनुसार, बहनों को 1,000 से बढ़ाकर 2,000 रुपए किए जाने को लेकर इस सप्ताह सीएस और एसीएस वित्त के साथ कई बार चर्चा हुई है। वित्त विभाग परीक्षण कर रहा है कि 1,000 बढ़ाने पर खजाने पर कितना अतिरिक्त भार आएगा। इतनी बड़ी राशि का प्रबंध किस तरह किया जाए आदि।

सिलेंडर में सब्सिडी देने पर भी मंथन जारी

खबर यह भी है कि सरकार महिलाओं को रसोई गैस पर भी बड़ी रियायत दे सकती है। कांग्रेस ने 500 रुपए में सिलेंडर देने को कहा है। इसे लेकर मंथन किया जा रहा है कि बहनों को 600 रु. तक की सब्सिडी दे दी जाए। ऐसा होने पर कांग्रेस की घोषणा से भाजपा काफी आगे निकल जाएगी।

अभी 1,200 करोड़ रुपए का आ रहा भार :

वर्तमान में प्रदेश की सवा करोड़ से अधिक बहनों के खातों में 1,209 करोड़ की राशि प्रतिमाह ट्रांसफर की जा रही है। सीएम के निर्देश पर 21 से 23 वर्ष की अविवाहित बहनों और जिनके यहां ट्रैक्टर हैं, उन्हें भी योजना में जोड़ा गया है। इनके 6 लाख से अधिक आवेदन जमा हो चुके हैं। इससे करीब 60 करोड़ का अतिरिक्त भार आएगा।

इस योजना में ऐसे किया जाएगा एक्सट्रा खर्च

  •  बहनों की संख्या होगी: 1.25 करोड़ रुपए 
  • दो हजार के मान से: 2,400 करोड़ से अधिक (मासिक)
  • नए नाम जोड़ने पर संख्या होगी: 6 लाख अतिरिक्त। इससे कोष पर वित्तीय भार करीब 60 करोड़ 
  • बहनों की कुल संख्या होगी: 1.31 करोड़ से ज्यादा 
  • सितम्बर से कुल राशि खातों में जाएगी: करीब 2,500 करोड़ रुपए मासिक