लालू के परिवार से 1 करोड़ कैश बरामद, 600 करोड़ की अवैध संपत्ति का खुलासा
पटना/नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नौकरी के बदले जमीन घोटाला मामले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच को लेकर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की बेटियों और करीबी सहयोगियों के परिसरों पर शुक्रवार को छापेमारी की। ईडी ने शनिवार को कहा कि उसे छापेमारी में 1 करोड़ रुपए नकद, 1900 अमेरिकी डॉलर, करीब 540 ग्राम गोल्ड, सोने के 1.5 किलोग्राम जेवरात (इसकी कीमत करीब 1 करोड़ 25 लाख रुपए) और कुछ आपत्तिजनक दस्तावेज मिले। ईडी के मुताबिक, जांच के दौरान पता चला कि करीब 600 करोड़ रुपए में से 350 करोड़ की अचल संपति खरीदी गई और 250 करोड़ रुपए बेनामी प्रोपर्टी के जरिए रूट्स किए गए।
50 करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी को कागज में दिखाया 4 लाख की
ईडी के अनुसार न्यू फें्रड्स कॉलोनी का बंगला मेसर्स एबी एक्सपोर्ट प्राइवेट के नाम पर है, जबकि असल मे उस पर नियंत्रण बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और उनके परिवार का है। कागजों में इस प्रोपर्टी की कीमत महज 4 लाख रुपए दिखाई गई है, लेकिन इसकी असली कीमत 150 करोड़ रुपए है।
आधे से ज्यादा लोग लालू के परिवार के विस क्षेत्र से हैं
ईडी ने बताया कि जांच में पता चला कि कब्जा की गई जमीन के चार टुकड़े ऐसे थे, जो साढ़े सात लाख रुपए में ग्रुप डी की जॉब दिलाने में खरीदी गई। ईडी ने यह भी दावा किया कि कई रेलवे जोन में 50 प्रतिशत से ज्यादा नौकरी पाने वाले लोग लालू यादव के परिवार के विधानसभा क्षेत्र से थे।
ये हैं आरोप
- आरोप है कि 2004-2009 के दौरान भारतीय रेलवे के विभिन्न जोन में समूह डी में विभिन्न व्यक्तियों को नियुक्त किया गया था और इसके बदले में उन्होंने अपनी जमीन तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद के परिवार के सदस्यों और एके इंफोसिस्टम प्राइवेट लिमिटेड को स्थानांतरित की थी।
- आरोप है कि लालू प्रसाद की पत्नी और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी समेत उनके परिवार ने अवैध रूप से अधिग्रहीत ऐसे चार भूखंडों को मेरिडियन कंस्ट्रक्शन इंडिया लिमिटेड नामक कंपनी को 7.5 लाख रुपए की कीमत पर बेच दिया।
- भूखंडों का बाजार रुपए साढ़े तीन करोड़ रुपए था। इस कंपनी की मिल्कियत और नियंत्रण कथित रूप से दोजाना के पास था।