जीआरएमसी बना पहला कॉलेज जहां से न्यूरोलॉजी के निकलेंगे डीएम-डॉक्टर
ग्वालियर। अंचल का सबसे पुराना मेडिकल कॉलेज जीआरएमसी भले ही एमबीबीएस की सीट के मामले में प्रदेश के अन्य मेडिकल कॉलेजों से पीछे रह गया हो, लेकिन डीएम की सीट के मामले में जीआरएमसी ने प्रदेश के सभी 18 मेडिकल कॉलेज को पीछे छोड़ दिया है। जीआरएमसी के डॉक्टरों की मानें तो यह प्रदेश का पहला ऐसा मेडिकल कॉलेज बन गया है जिसमें डॉक्टरेट आॅफ मेडिसिन (डीएम) न्यूरोलॉजी चिकित्सा डिग्री कोर्स प्रारंभ हुआ है। न्यूरोलॉजी विभाग के एचओडी की मानें तो यह कोर्स की शिक्षा भी चालू सत्र से प्रारंभ हो गई है और कोर्स की अवधि तीन साल रहेगी, यानि की जीआरएमसी से तीन साल बाद न्यूरोलॉजी के डीएम- डॉक्टर निकलेंगे।
इसको लेकर कॉलेज द्वारा सालों से प्रयास किए जा रहे थे और नेशनल मेडिकल कमीशन में कॉलेज प्रबंधन द्वारा एप्लाई किया गया है और उसकी शर्तों के हिसाब से न्यूरोलॉजी विभाग में तैयारी की और एनएमसी ने तीन शीट पर प्रवेश की अनुमति दी और तीनों सीटें पर पढ़ाई भी शुरू हो गई है। जीआरएमसी प्रबंधन न्यूरोलॉजी के साथ ही न्यूरो सर्जरी विभाग में लगातार सुविधाओं में विस्तार डीन डॉक्टर अक्षय निगम के प्रयास से कर रहा है। प्रदेश की आधुनिकतम न्यूरो एंडोस्कोपी यूनिट शुरू की है, जिसके साथ 4 के 3डी कैमरा, एंडोस्कोपी, न्यूरोंिड्रल की सुविधा उपलब्ध है। इससे ब्रेन और स्पाइन के आॅपरेशन आधुनिक दूरबीन पद्धति से किये जा रहे हैं। जिसके लिए अब दिल्ली या अन्य जगह नहीं जाना पड़ेगा तथा हजारों लाखों रुपये खर्च नहीं करने पड़ते थे।
तीन सालों में इनका ज्ञान हासिल करेंगे छात्र
न्यूरोलॉजी विभाग के एचओडी ने बताया कि यह डिपार्टमेंट सीधे मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र से संबंधित है। इसके लिए कई वर्षों के कठोर अध्ययन और समर्पण की आवश्यकता होती है। पाठ्यक्रम के प्रमुख घटकों में न्यूरोएनाटॉमी, न्यूरोफिजियोलॉजी, बाल चिकित्सा न्यूरोलॉजी, न्यूरो रेडियोलॉजी, न्यूरो-नेत्र विज्ञान, न्यूरो बायोकैमिस्ट्री, न्यूरोपैथोलॉजी, न्यूरोसाइकियाट्री, न्यूरोसाइकोलॉजी, न्यूरो फार्माकोलॉजी आदि शामिल हैं।
काफी सालों के प्रयास के बाद न्यूरोलॉजी विभाग में एनएमसी ने जीआरएमसी को तीन सीटें प्रदान की हैं, तीनों सीटें भर गई हैं। यह तीन साल का कोर्स है और हमारा कॉलेज प्रदेश के सभी कॉलेजों में पहला ऐसा कॉलेज है, जिसमें यह डिग्री कोर्स प्रारंभ हुआ है। इससे निश्चित ही मरीजों को आने वाले दिनों में काफी फायदा होगा। डॉ. दिनेश उदैनिया, डीन दतिया मेडिकल कॉलेज, एचओडी न्यूरोलॉजी विभाग