5-एम एंटी माइक्रोबियल मल्टीलेयर मास्क की बाहरी सतह पर चिपकते ही वायरस मर जाएगा

5-एम एंटी माइक्रोबियल मल्टीलेयर मास्क की बाहरी सतह पर चिपकते ही वायरस मर जाएगा

वाराणसी। कोरोनावायरस दुनिया के लिए एक चुनौती बन गया है। ऐसे में सामाजिक दूरी और फेस मास्क अब लोगों की जीवनशैली का महत्वपूर्ण अंग बन गया है। इसी क्रम में वाराणसी में स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (काशी हिन्दू विश्वविद्यालय) में 5-एम एंटी माइक्रोबियल मल्टीलेयर फेस मास्क ूबनाया है । इसकी बाहरी सतह पर एंटीबैक्टीरियल कोटिंग लगी है, जिससे वायरस और अन्य सूक्ष्म जीवाणु स्वत: समाप्त हो जाएंगे। मास्क की सतह पर हाइड्रोफोबिक कोटिंग होने की वजह से वायरस युक्त ड्रॉपलेट्स को टिकने नहीं देगा।

बाजार में उपलब्ध मास्क साधारण

इंजीनियरिंग विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. मार्शल और उनकी टीम ने इस मास्क का निर्माण किया है। डॉ मार्शल ने बताया कि वर्तमान में बाजार में उपलब्ध ज्यादातर मास्क साधारण हैं। जो बेहतर मास्क की श्रेणी में आते भी हैं, उनकी बाहरी सतह पर सूक्ष्म जीवाणु चिपके ही रहेंगे। जिससे संक्रमण होने का खतरा बना ही रहेगा। ज्यादातर स्वास्थ्यकर्मी या अन्य कोरोना वारियर्स इसी वजह से कोरोना संक्रमित भी हो रहे हैं, क्योंकि उन्होंने उच्च गुणवत्ता का मास्क नहीं पहना था। मगर संस्थान में बना यह मास्क प्रोटिनेटेड अमीन मैट्रिक्स के साथ संयुग्मित नैनोमेटल की विभिन्न परतों की मदद से बना है।